हेलंग मारवाड़ी बाईपास निर्माण के खिलाफ जोशीमठ में जूलूस प्रदर्शन, बंद रहा बाजार, तीर्थयात्री हुए परेशान
Helang Marwari Bypass Protest
Helang Marwari Bypass Protest: जोशीमठ में हेलंग मारवाड़ी बाईपास के विरोध में जोशीमठ बाजार बंद रहा। विरोध स्वरूप में व्यापारी यहां प्रदर्शन करने लगे, जिन्हें पुलिस ने रोक लिया। बाईपास का कार्य रोकने के लिए हेलंग पहुंचे व्यापारियों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। व्यापारी गेट से कार्य स्थल के लिए हुए रवाना। इस दौरान पुलिस और व्यापारियों की तीखी नोंक-झोक भी हुई।
जोशीमठ में भूधंसाव होने के कारण हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण कार्य पांच जनवरी को रोक दिया गया था। तब से बाईपास के निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस संबंध में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से बाईपास का निर्माण शीघ्र शुरू कराने की अनुमति देने का अनुरोध शासन से किया गया था।
बाईपास निर्माण की सशर्त मंजूरी (Conditional approval for bypass construction)
शासन की ओर से बाईपास निर्माण शुरू कराने के लिए आईआईटी रुड़की, लोनिवि और टीएचडीसीआईएल के विशेषज्ञों से सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा गया था। तीनों संस्थानों के विशेषज्ञों की ओर से 11 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई थी। इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीआरओ शिवालिक रेंज के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर प्रसन्ना एस जोशी की ओर से बाईपास का निर्माण शीघ्र शुरू कराने का अनुरोध किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ भूधंसाव का हेलंग मारवाड़ी बाईपास के निर्माण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा की ओर से इस संबंध में आयुक्त गढ़वाल मंडल, जिला प्रशासन और बीआरओ को पत्र लिखकर बाईपास निर्माण की सशर्त मंजूरी दे दी गई।
इन शर्तों के साथ शुरू होगा बाईपास का निर्माण कार्य (The construction work of bypass will start with these conditions)
1. बाईपास का निर्माण शुरू कराने से पहले बीआरओ और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) के अधिकारी अपने स्तर से सभी जरूरी जांचें और परीक्षण करेंगे।
2. बीआरओ और केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से निर्माण से पूर्व और निर्माण के दौरान सभी आपदा न्यूनीकरण संबंधी उपायों को अच्छी तरह पखा जाएगा, ताकि निर्माण के कारण जोशीमठ भूधंसाव पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
3. इसके अलावा इस संबंध में किसी भी न्यायालय की ओर से कोई आदेश पारित हो तो उसका भी संज्ञान लिया जाएगा।
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